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अन्ना के आंदोलन पर अमेरिका की नजर; नानाजी देशमुख से बेहद प्रभावित रहे हैं अण्णा;

अन्ना के आंदोलन पर अमेरिका की नजर : अमेरिका ने विश्वास व्यक्त किया है कि भारत अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से खड़ी हुई चुनौती से लोकतांत्रिक तरीकों से निपटेगा। विदेश विभाग की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने कहा कि नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
उन्होंने कहा कि हमारा दूतावास स्थिति पर नजर बनाए हुए है। भारत पर हमें भरोसा है और उम्मीद भी है कि वह अपने आंतरिक मामलों, राजनीतिक विवादों से लोकतांत्रिक ढंग से निपटेगा।
विक्टोरिया ने कहा कि अमेरिका हमेशा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने के अधिकार का समर्थन करता है। हजारे बीते 11 दिन से जन लोकपाल की मांग को लेकर अनशन कर रहे हैं। (भाषा)
नानाजी देशमुख से बेहद प्रभावित रहे हैं अण्णा : महात्मा गांधी की विशाल तस्वीर के नीचे दिल्ली के रामलीला मैदान में पिछले दस दिनों से भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन कर रहे अन्ना हजारे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बेहद सम्मानित प्रचारक और विचारक नानाजी देशमुख के चिंतन और काम से बेहद प्रभावित रहे हैं। नानाजी भी हजारे के खासे प्रशंसक थे और संघ तथा अन्य संस्थाओं की बैठकों में उन्होंने कई बार अन्ना हजारे की प्रशंसा की। नानाजी देशमुख की सलाह पर ही संघ की शाखाओं में हजारे का नाम बड़े आदर के साथ लिया जाता रहा है।
अन्ना आंदोलन के सूत्रधारों और हजारे के सलाहकारों में भले प्रशांत भूषण, अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, संतोष हेगड़े, शांति भूषण, स्वामी अग्निवेश, राजगोपाल, राजेंद्र सिंह जैसे अलग-अलग वैचारिक रंग के लोग शामिल हैं, लेकिन अपने सामाजिक जीवन के शुरुआती दिनों में हजारे खुद नानाजी देशमुख के ग्रामोदय आंदोलन से बेहद प्रभावित थे।
बताया जाता है कि सेना की नौकरी छोड़ने के बाद अन्ना ने जयप्रकाश आंदोलन से प्रभावित होकर अपना सामाजिक जीवन शुरू किया। लेकिन जब नानाजी देशमुख ने राजनीति छोड़कर ग्रामोदय आंदोलन शुरू किया और अस्सी के दशक में वह उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के गांवों में अपने सामाजिक प्रयोग कर रहे थे, तब अन्ना हजारे अक्सर उनसे मिलते रहते थे और वह गोंडा भी गए थे।

इसी तरह नानाजी देशमुख ने चित्रकूट में ग्रामोदय का जो प्रयोग शुरू किया, हजारे वहां भी गए और रहे। नानाजी ने अपने कार्यकर्ताओं का एक दल हजारे के गांव रालेगण सिद्धी भी भेजा था।
सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक प्रभात कुमार पंत बताते हैं कि एक बार वह नाना जी देशमुख से उनके चिंतन और उसके प्रयोग पर बात करने के लिए गए तो नानाजी ने अन्ना हजारे की बेहद तारीफ की बल्कि यह भी कहा कि हजारे ने उनकी सोच को सही अर्थों में जमीन पर उतारा है। 
बताया जाता है कि सामाजिक जीवन में आने के बाद ही अन्ना का सत्तर के दशक में नाना जी देशमुख से संपर्क हो गया था। वह अक्सर उनसे मिलते रहते थे और एक गांव को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने की वैचारिक सोच उन्होंने नाना जी देशमुख से प्रेरणा लेकर ही विकसित की

भाजपा भी अन्ना के साथ : भाजपा ने आज संप्रग पर आरोप लगाया कि वह भ्रष्टाचार के विरुद्ध अन्ना हजारे के आंदोलन के प्रति अपने रवैए को लगातर बदलकर अब कड़ा रुख अपना रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार कोई दु:साहस करने का प्रयास नहीं करे। हजारे को लिखे पत्र में भाजपा अध्यक्ष ने कहा, वह यह जानकर ‘स्तब्ध’ हैं कि सरकार अन्ना पक्ष से किए गए वायदे से मुकर गई है।  गडकरी ने कहा कि देश को सरकार की ओर से यह आभास दिया जा रहा था कि अन्ना पक्ष के साथ वार्ता संतोषजनक ढंग से प्रगति पर है और आपसी सहमति वाला समाधान नजर आ रहा है। मैं यह समझने में असमर्थ हूं कि कहां गड़बड़ी हो गई। उन्होंने कहा, कहीं यह सरकार के भीतरी मतभेद का परिणाम तो नहीं है।

हजारे से अनशन समाप्त करने की भाजपा की अपील के बारे में सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी ने ऐसा इसलिए किया कि सरकार ने बताया कि समाधान पर सहमति हो गई है।
भाजपा प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी मजबूत लोकपाल विधेयक के पक्ष में है और जनलोकपाल विधेयक इसका आधार बन सकता है। लेकिन साथ ही तुरंत स्पष्ट किया कि भाजपा इसके बनने के ‘प्रक्रियात्मक पचड़े’ में नहीं पड़ना चाहती है। (भाषा)

अन्ना हजारे का अनशन टूटने के संकेत? :
सरकार और अन्ना हजारे के बीच पिछले दस दिन से जारी गतिरोध समाप्त होने के संकेत मिलने लगे हैं। सरकार ने गुरुवार की रात जन लोकपाल विधेयक के प्रमुख मुद्दों पर शुक्रवार को संसद में चर्चा कराने की घोषणा करके अन्ना हजारे के अनशन को समाप्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाया।
हजारे ने पिछले दस दिन से जारी अपने अनशन को समाप्त करने के लिए सार्वजनिक तौर पर तीन शर्तों का ऐलान किया। उनका कहना था कि तमाम सरकारी कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाया जाए, तमाम सरकारी कार्यालयों में एक नागरिक चार्टर लगाया जाए और सभी राज्यों में लोकायुक्त हो
74 वर्षीय हजारे ने कहा कि अगर जन लोकपाल विधेयक पर संसद चर्चा करती है और इन तीन शर्तों पर सदन के भीतर सहमति बन जाती है तो वह अपना अनशन समाप्त कर देंगे।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दोनो पक्षों के बीच जारी गतिरोध को तोड़ने की दिशा में पहली ठोस पहल करते हुए लोकसभा में खुली पेशकश की कि संसद अरूणा राय और डा. जयप्रकाश नारायण सहित अन्य लोगों द्वारा पेश विधेयकों के साथ जन लोकपाल विधेयक पर भी विचार करेगी। उसके बाद विचार विमर्श का ब्यौरा स्थायी समिति को भेजा जाएगा।

उन्होंने अन्ना हजारे के सिद्धांतों की सराहना करते हुए कहा, ‘ मैं उन्हें सलाम करता हूं। उनका जीवन बहुत कीमती है इसलिए मैं हजारे से आग्रह करूंगा कि वह अपना अनशन समाप्त कर दें।’ विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री की अपील का समर्थन किया, जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार द्वारा एक सर्वसम्मत अपील की गई।
लोकसभा में शुक्रवार को होने वाली चर्चा के तौर तरीकों पर देर रात मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सहयोगियों के साथ चर्चा के बाद वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि हजारे पक्ष के साथ बातचीत जारी है लेकिन उन्होंने इसका विवरण देने से इनकार कर दिया।

उन्होंने कहा प्रधानमंत्री के भाषण और अपील के बाद संसद ने सर्वसम्मति से अन्ना हजारे से अपना अनशन तोड़ने का अनुरोध किया। मुझे उम्मीद है कि अन्ना हजारे प्रतिक्रिया देंगे। हम कामना करते हैं कि वह अपनी उर्जा अनेक वर्षो तक देश की सेवा में लगाएंगे।'
इससे पहले विधि मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि संसद में जनलोकपाल विधेयक पर चर्चा होगी। खुर्शीद ने मुखर्जी के साथ बातचीत में हिस्सा लिया था।
यह पूछे जाने पर कि क्या यह चर्चा प्रस्ताव, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव या मतदान वाले नियम के तहत होगी तो उन्होंने कहा कि इसका अभी फैसला नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि जन लोकपाल विधेयक के साथ-साथ सिविल सोसाइटी की ओर से पेश किए गए अन्य विधेयकों पर भी चर्चा होगी।
इस बीच, हजारे के सहयोगी शांति भूषण, प्रशांत भूषण, किरण बेदी और मनीष सिसोदिया ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और नितिन गडकरी से इस मुद्दे पर चर्चा के लिए देर रात मुलाकात की। (भाषा)

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