प्रणब मुखर्जी की अन्ना से अपील : वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को अन्ना हजारे से नए सिरे से अनुरोध किया कि संसद में जन लोकपाल विधेयक पर चर्चा होने के चलते वह अपना अनशन समाप्त कर दें।
वित्तमंत्री ने अपने नॉर्थ ब्लॉक स्थित दफ्तर के बाहर कहा कि हम अन्ना हजारे से उनका अनशन समाप्त करने का अनुरोध करते हैं क्योंकि पूरी संसद ने उनसे अनुरोध किया है। अब चर्चा चल रही है। मुझे उम्मीद है कि सभी मुद्दों पर चर्चा हो रही है। मुखर्जी ने कहा कि संसद की स्थायी समिति भी इस मुद्दे पर सांसदों के विचार जानेगी और हजारे को सरकार द्वारा शुरू की गई प्रक्रिया पर विचार करते हुए अपना अनशन तोड़ देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मैं अन्ना हजारे से अपना अनशन समाप्त करने का अनुरोध करता हूं। इससे पहले अन्ना पक्ष ने स्पष्ट किया था कि केवल संसद में चर्चा करने से ही कोई हल नहीं निकलेगा और हजारे अपना अनशन तब तक नहीं तोड़ेंगे जब तक संसद यह प्रस्ताव पारित नहीं करती कि लोकपाल विधेयक में उनके द्वारा उठाए गए तीन मुद्दे शामिल होंगे।
हजारे ने आज प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह को पत्र लिखकर कहा है कि यदि संसद उनकी तीन मुख्य मांगों को मान लेती है तो वे अनशन तोड़ देंगे, लेकिन विधेयक पारित होने तक अपना धरना जारी रखेंगे। (भाषा)
उन्होंने कहा कि मैं अन्ना हजारे से अपना अनशन समाप्त करने का अनुरोध करता हूं। इससे पहले अन्ना पक्ष ने स्पष्ट किया था कि केवल संसद में चर्चा करने से ही कोई हल नहीं निकलेगा और हजारे अपना अनशन तब तक नहीं तोड़ेंगे जब तक संसद यह प्रस्ताव पारित नहीं करती कि लोकपाल विधेयक में उनके द्वारा उठाए गए तीन मुद्दे शामिल होंगे।
हजारे ने आज प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह को पत्र लिखकर कहा है कि यदि संसद उनकी तीन मुख्य मांगों को मान लेती है तो वे अनशन तोड़ देंगे, लेकिन विधेयक पारित होने तक अपना धरना जारी रखेंगे। (भाषा)
अन्ना पक्ष में फूट, अग्निवेश नाराज : अन्ना हजारे के अनशन को लेकर उनकी टीम में मतभेद की अटकलें चल रही हैं और स्वामी अग्निवेश के नाराज होने की खबरों के बाद शुक्रवार को न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े ने भी कहा कि अब अनशन टूटना चाहिए।
लोकपाल मसौदा संयुक्त समिति में सदस्य रहे हेगड़े ने संसद में अपनी बात पर जोर देने के हजारे के रुख पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि मुझे लगता है कि जिस तरह से चीजें चल रहीं हैं मैं अन्ना पक्ष में आगे नहीं रहूंगा। ये लोकतांत्रिक नहीं है।
अन्ना हजारे के अनशन के 11वें दिन उनसे इसे समाप्त करने का अनुरोध करते हुए अग्निवेश ने भी कहा था कि संसद के सामने किसी तरह का संकट पैदा करना गांधीवादी होने का संकेत नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह कहना एक तरह से संसद के सामने संकट होगा कि आप इसे कल तक करें या परसों तक करें। यह गांधीवादी अनशन या आंदोलन नहीं है। इसलिए इसे तोड़ने का यह सही वक्त है। इस बीच अन्ना पक्ष के अरविंद केजरीवाल ने इन खबरों का खंडन किया कि हजारे पक्ष और संतोष हेगड़े के बीच कोई मतभेद हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया में मतभेद की गलत खबरें आ रहीं हैं। केजरीवाल ने कहा कि मैंने आज ही उनसे बात की है वह पूरी तरह से हमारे साथ हैं।
सूत्रों के मुताबिक स्वामी अग्निवेश के हजारे पक्ष से मतभेद सरकार के साथ पिछले दिनों हुई बातचीत के दौरान पैदा हुए। सूत्रों का कहना है कि अग्निवेश वार्ता में हजारे पक्ष की ओर से शामिल होना चाहते थे, लेकिन हजारे चाहते थे सरकार से बात करने केवल केजरीवाल, किरण बेदी और प्रशांत भूषण जाएं। इसी कारण से अग्निवेश के कथित तौर पर नाराज होने की अटकलें हैं।
भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश जेएस वर्मा ने अन्ना से अनशन समाप्त करने की मांग करते हुए कहा है कि अन्ना का अनशन पर रहना जायज नहीं लगता। अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आजमी ने भी अन्ना से अनशन समाप्त करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि जन लोकपाल विधेयक के लिए दबाव बनाना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि अन्ना के आंदोलन से एक तस्वीर बनी है और उन्होंने एक बात रखी है, लेकिन जन लोकपाल विधेयक पर जोर देना सही नहीं है। (भाषा)
लोकपाल मसौदा संयुक्त समिति में सदस्य रहे हेगड़े ने संसद में अपनी बात पर जोर देने के हजारे के रुख पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि मुझे लगता है कि जिस तरह से चीजें चल रहीं हैं मैं अन्ना पक्ष में आगे नहीं रहूंगा। ये लोकतांत्रिक नहीं है।
अन्ना हजारे के अनशन के 11वें दिन उनसे इसे समाप्त करने का अनुरोध करते हुए अग्निवेश ने भी कहा था कि संसद के सामने किसी तरह का संकट पैदा करना गांधीवादी होने का संकेत नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह कहना एक तरह से संसद के सामने संकट होगा कि आप इसे कल तक करें या परसों तक करें। यह गांधीवादी अनशन या आंदोलन नहीं है। इसलिए इसे तोड़ने का यह सही वक्त है। इस बीच अन्ना पक्ष के अरविंद केजरीवाल ने इन खबरों का खंडन किया कि हजारे पक्ष और संतोष हेगड़े के बीच कोई मतभेद हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया में मतभेद की गलत खबरें आ रहीं हैं। केजरीवाल ने कहा कि मैंने आज ही उनसे बात की है वह पूरी तरह से हमारे साथ हैं।
सूत्रों के मुताबिक स्वामी अग्निवेश के हजारे पक्ष से मतभेद सरकार के साथ पिछले दिनों हुई बातचीत के दौरान पैदा हुए। सूत्रों का कहना है कि अग्निवेश वार्ता में हजारे पक्ष की ओर से शामिल होना चाहते थे, लेकिन हजारे चाहते थे सरकार से बात करने केवल केजरीवाल, किरण बेदी और प्रशांत भूषण जाएं। इसी कारण से अग्निवेश के कथित तौर पर नाराज होने की अटकलें हैं।
भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश जेएस वर्मा ने अन्ना से अनशन समाप्त करने की मांग करते हुए कहा है कि अन्ना का अनशन पर रहना जायज नहीं लगता। अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आजमी ने भी अन्ना से अनशन समाप्त करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि जन लोकपाल विधेयक के लिए दबाव बनाना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि अन्ना के आंदोलन से एक तस्वीर बनी है और उन्होंने एक बात रखी है, लेकिन जन लोकपाल विधेयक पर जोर देना सही नहीं है। (भाषा)
राहुल गांधी के घर नारेबाजी, प्रदर्शन : अन्ना हजारे समर्थकों के समूह ने आज कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के घर के बाहर प्रदर्शन करते हुए अन्ना के पक्ष में नारेबाजी की और एक मजबूत लोकपाल की मांग की।
अन्ना हजारे के आह्वान के बाद पिछले कुछ दिन से उनके समर्थक दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह, वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी, भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत पूरे देश में सांसदों और नेताओं के घर प्रदर्शन कर रहे हैं।
लोकपाल विधेयक पर शुक्रवार को लोकसभा में हो रही चर्चा में राहुल ने अपनी चुप्पी तोड़ी, जिसके कुछ समय बाद उनके घर के बाहर प्रदर्शन किया गया। बाद में अन्ना समर्थकों को हिरासत में ले लिया गया। (भाषा)
अन्ना हजारे के आह्वान के बाद पिछले कुछ दिन से उनके समर्थक दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह, वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी, भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत पूरे देश में सांसदों और नेताओं के घर प्रदर्शन कर रहे हैं।
लोकपाल विधेयक पर शुक्रवार को लोकसभा में हो रही चर्चा में राहुल ने अपनी चुप्पी तोड़ी, जिसके कुछ समय बाद उनके घर के बाहर प्रदर्शन किया गया। बाद में अन्ना समर्थकों को हिरासत में ले लिया गया। (भाषा)
तो अनशन तोड़ देंगे अन्ना हजारे : अन्ना हजारे पक्ष के प्रमुख सहयोगी प्रशांत भूषण ने शुक्रवार को कहा कि संसद यदि उनकी तीन मांगों पर प्रस्ताव पारित करती है या कम से जन लोकपाल विधेयक पेश करती है तो अन्ना अनशन समाप्त कर देंगे।
टीम अन्ना के सदस्य प्रशांत भूषण ने कहा कि उन्होंने (हजारे ने) स्थिति स्पष्ट कर दी है कि यदि कम से कम तीन मुद्दों पर संसद द्वारा प्रस्ताव पारित किया जाए या कम से कम जन लोकपाल विधेयक को पेश करें तो वे अनशन तोड़ देंगे।
उन्होंने कहा कि यदि इसे पारित किया जाता है तो वे तत्काल अनशन समाप्त कर देंगे। वकील भूषण ने कहा कि सरकार को सिविल सोसायटी की तीन मांगों पर प्रस्ताव औपचारिक तरीके से लाना होगा। जिनमें निचले स्तर के सरकारी अधिकारियों को भी लोकपाल के दायरे में लाने, सभी राज्यों में लोकायुक्त गठित करने और सिटीजन चार्टर को मंजूरी देने की मांगें हैं।
भूषण ने इससे पहले कहा था कि हजारे ने कहा है कि कम से कम जन लोकपाल विधेयक को पेश तो किया जाए। उन्होंने कहा कि अब उन्होंने कहा है कि यदि आप पेश नहीं कर सकते तो ठीक है कम से कम इन तीन मुद्दों पर प्रस्ताव पारित करिए, जो देश के आम आदमी को प्रभावित करते हैं, तो वे अनशन तोड़ सकते हैं, लेकिन इस मुद्दे पर आंदोलन जारी रखेंगे। (भाषा)
टीम अन्ना के सदस्य प्रशांत भूषण ने कहा कि उन्होंने (हजारे ने) स्थिति स्पष्ट कर दी है कि यदि कम से कम तीन मुद्दों पर संसद द्वारा प्रस्ताव पारित किया जाए या कम से कम जन लोकपाल विधेयक को पेश करें तो वे अनशन तोड़ देंगे।
उन्होंने कहा कि यदि इसे पारित किया जाता है तो वे तत्काल अनशन समाप्त कर देंगे। वकील भूषण ने कहा कि सरकार को सिविल सोसायटी की तीन मांगों पर प्रस्ताव औपचारिक तरीके से लाना होगा। जिनमें निचले स्तर के सरकारी अधिकारियों को भी लोकपाल के दायरे में लाने, सभी राज्यों में लोकायुक्त गठित करने और सिटीजन चार्टर को मंजूरी देने की मांगें हैं।
भूषण ने इससे पहले कहा था कि हजारे ने कहा है कि कम से कम जन लोकपाल विधेयक को पेश तो किया जाए। उन्होंने कहा कि अब उन्होंने कहा है कि यदि आप पेश नहीं कर सकते तो ठीक है कम से कम इन तीन मुद्दों पर प्रस्ताव पारित करिए, जो देश के आम आदमी को प्रभावित करते हैं, तो वे अनशन तोड़ सकते हैं, लेकिन इस मुद्दे पर आंदोलन जारी रखेंगे। (भाषा)
टीम अन्ना भी राहुल गांधी से सहमत : हजारे पक्ष ने लोकसभा में राहुल गांधी के संबोधन को ‘व्यथित करने वाला’ बताते हुए लोकपाल को संवैधानिक निकाय बनाने के राहुल के विचार का समर्थन किया है।
हजारे की कोर समिति की सदस्य मेधा पाटकर ने कहा कि व्यापक मुद्दों के बारे में बोलने के बजाए कांग्रेस महासचिव राहुल को अभी उन मुद्दों पर विचार-विमर्श करना चाहिए था, जो 11 दिन से अनशन कर रहे हजारे ने उठाए हैं।
राहुल के संबोधन पर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर मेधा ने कहा कि अभी लाखों लोगों की जो चिंता है और उन्हें जिस बात को लेकर जल्दबाजी है, उस पर ध्यान नहीं दिया गया।
मेधा ने जोर देते हुए कहा कि उन्होंने लोकपाल विधेयक पर कोई टिप्पणी नहीं दी, जिस पर उन्हें साहस से कुछ बोलना चाहिए था। हालांकि उन्होंने राहुल के इस सुझाव का स्वागत किया कि लोकपाल को चुनाव आयोग की तरह एक संवैधानिक निकाय बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं दृढ़ता से इसका समर्थन करती हूं।
हजारे पक्ष की एक और सदस्य किरण बेदी ने कहा कि देश कार्रवाई और अनुमोदन के लिए बेताब है, न कि स्वतंत्रता के बाद से लंबित मुद्दों पर केवल सुनियोजित लंबी योजनाओं के लिए। उन्होंने कहा कि आप माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के पहले छोटी पहाड़ियां चढ़ते हैं। लोकपाल एक उंचा पहाड़ है, जो आपको एवरेस्ट तक ले जाएगा। शुरू हो जाइए और अपना इरादा साबित कीजिए। (भाषा)
हजारे की कोर समिति की सदस्य मेधा पाटकर ने कहा कि व्यापक मुद्दों के बारे में बोलने के बजाए कांग्रेस महासचिव राहुल को अभी उन मुद्दों पर विचार-विमर्श करना चाहिए था, जो 11 दिन से अनशन कर रहे हजारे ने उठाए हैं।
राहुल के संबोधन पर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर मेधा ने कहा कि अभी लाखों लोगों की जो चिंता है और उन्हें जिस बात को लेकर जल्दबाजी है, उस पर ध्यान नहीं दिया गया।
मेधा ने जोर देते हुए कहा कि उन्होंने लोकपाल विधेयक पर कोई टिप्पणी नहीं दी, जिस पर उन्हें साहस से कुछ बोलना चाहिए था। हालांकि उन्होंने राहुल के इस सुझाव का स्वागत किया कि लोकपाल को चुनाव आयोग की तरह एक संवैधानिक निकाय बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं दृढ़ता से इसका समर्थन करती हूं।
हजारे पक्ष की एक और सदस्य किरण बेदी ने कहा कि देश कार्रवाई और अनुमोदन के लिए बेताब है, न कि स्वतंत्रता के बाद से लंबित मुद्दों पर केवल सुनियोजित लंबी योजनाओं के लिए। उन्होंने कहा कि आप माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के पहले छोटी पहाड़ियां चढ़ते हैं। लोकपाल एक उंचा पहाड़ है, जो आपको एवरेस्ट तक ले जाएगा। शुरू हो जाइए और अपना इरादा साबित कीजिए। (भाषा)